काशी फल
बहुत ही सुंदर नाम है ये, जैसा नाम है वैसी ही पहचान है। अगर आप काशी में हैं और सुबह सुबह वहां का प्रसिद्ध पुड़ी, सब्जी और जलेबी खा रहे हैं तो उसमें काशी फल भी जरूर मिलाया ही गया होगा। काशी में कुछ भी शुभ कार्य होगा तो खाने में काशी फल का उपयोग होगा ही।
ये कहानी है एक शादी की जो बनारस में होने को है। फोन पर ननद और भौजाई की बात चीत शुरू होती है:-
भौजाई ननद से
कब आने का प्लान बनाया है,
अभी तो 2 महीने का समय है न, कहां यहां भी बच्चों का परीक्षा है, उनका भी आफिस का छुट्टी नहीं हुआ है न, देख कब से छुट्टी दिही मनेजरवा
कामो बहुते बढ़ गईल ह न
ठीके बा,
शाम हो गई ल बा, का बनी आज
का कही सोचत रहीं कि आज कोहड़ा के दम बनाईती ।
कोहड़ा (ये बोलते हुए भौजाई रूक जाती है और पूछती है )
कहां से आईल हौ
अरे सोनू के घरे से आई ल ह
पकल बा की कच्चा हो
न ई त पकल बा
हूं......
थोड़ा देर रूक कर भौजाई चुप हो जाती है और इध...